Vedic Numerology vs Loshu Grid

अब जैसे आपने पहले सीखा था लोशु ग्रिड। है ना? लोशु ग्रिड। लोशू को बोला जाता है चाइनीस न्यूमरोलॉजी। इसके बाद आज हम सीखने वाले हैं वैदिक न्यूमरोलॉजी। इसकी ग्रिड अलग बनती है। आपको दोनों के बीच का थोड़ा सा मैं डिफरेंस बता देती हूं।

लोशू ग्रिड vs वैदिक

लोशू जो बात होती है ना लोशू में वो होती है आपके फिक्स्ड नंबर्स के ऊपर। लोशु के बारे में हम आपके फिक्स्ड जो डेट ऑफ बर्थ के नंबर्स हैं उनके बारे में बात करते हैं। लेकिन वैदिक में जो आपकी दशाएं, महादशाएं, गोचर यह सब चीजें आती हैं। वैदिक में वह भी ऐड होती हैं।

हालांकि अभी हम सिर्फ बेसिक वैदिक ग्रिड के बारे में ही जानेंगे। दशाओं के बारे में भी बात नहीं करेंगे क्योंकि वह लेंी प्रोसेस है। लेकिन उनका क्या यूज़ है? यह समझिए। जब भी क्लाइंट आपको सवाल पूछता है। ठीक है? अब क्लाइंट को यह नहीं पता कि आप कौन सी न्यूमरोलॉजी लगा रहे हो, आप कौन सी कुंडली देख रहे हो, आप कार्ड देख रहे हो।

उनको अपने क्वेश्चन का आंसर चाहिए। है ना? आप भी किसी के पास जाते हो तो आप क्या पूछोगे कि

मेरा घर कब बनेगा?

मेरी गाड़ी कब आएगी?

मेरी नौकरी कब लगेगी?

या आजकल का एक बड़ा फेवरेट सबका क्वेश्चन है कि मैं अमीर कब बनूंगा?

है ना? यह सबको जानना है कि पैसा कब आएगा। तो यह जो सवाल हैं, यह इन सब सवालों के जवाब आप दे सकते हो वैदिक न्यूमरोलॉजी की हेल्प से। क्योंकि इसमें पता चलता है कि इस समय आपकी यह दशा चल रही है। जी। इस समय आपका यह योग चल रहा है। आपको इस ग्रह का उपाय इस समय करना है। ऐसी चीजें करनी है। इससे रिजल्ट मिल जाएगा।

मतलब आपके जो करंट सिनेरियो है उसका कैलकुलेशन किया जाता है वैदिक न्यूमरोलॉजी के साथ। यहां तक समझ आ रहा है आप लोगों को? यहां तक समझ आ रहा है?

अब दोनों ग्रिड में मिक्स नहीं करना आपने कि भ अच्छा वो वाली भी ग्रिड थी। कि ये वाली भी ग्रिड है। दोनों को अलग-अलग बनाना है। दोनों ग्रिड्स को आपने अलग-अलग बनाना है।

सबसे पहले आपने बीए एंड डी एन निकाला। नेम नंबर चेक कर लिया। फिर आपने लोशू ग्रिड बनाया। मिसिंग और रिपीटेड नंबर्स देखे। थर्ड आप बनाएंगे वैदिक ग्रिड। अब कई बार आप पूछते हो कि भाई जो मिसिंग एंड रिपीटेड है वो हम वैदिक से निकालें या हम लोशू से निकालें। तो मिसिंग एंड रिपीटेड आप लोशू से ही चेक कर लो। पहले ही चेक कर लो। क्योंकि अभी आपको महादशा और अंतर्दशा के बारे में नहीं पता है। है ना? वो नहीं निकालना जानते हैं। तो इसके लिए आप उसी से कर लो। जब फर्दर जो लोग एडवांस मेंस्टर्स में आए हैं एडवांस के बाद तो वो लोग जब दशाओं को कैलकुलेट करेंगे तो आपको पता चलेगा कि कई बार आप किसी मिसिंग नंबर का उपाय कर रहे हो। बट एक्चुअली वह मिसिंग है नहीं। वह आपके पास दशा महादशा से एंटर हो गया है वह नंबर ऑलरेडी।

सबसे पहले एक सैंपल ग्रिड मैं शो करूंगी। सभी लोग उसका स्क्रीनशॉट ले लेंगे या कॉपी पर ड्रॉ कर लेंगे। हां जी तो यह जो है यह हमारी वैदिक ग्रिड है बेसिक। इसको नंबर्स को आप लिख लो। सीक्वेंस यही फिक्स रहने वाला है आपके लिए। इस ग्रिड को फिल करने का तरीका थोड़ा सा अलग है। वह मैं आपको आगे सिखाऊंगी।

9 March,

एक एग्जांपल हम डेट ऑफ़ बर्थ ले लेंगे। इसी को हमने यूज़ किया था लो शुड के लिए सेम डेट ऑफ बर्थ। अब यहां पे

BN है हमारे पास 9

dn है हमारे पास वन।

ठीक है? और वैदिक में जब भी ग्रिड भरते हैं तो हम सेंचुरी का नंबर नहीं भरते। इसमें सेंचुरी का नंबर है वन और नाइन। ठीक है? अब सेंचुरी नंबर आपको एक बार बता देती हूं मैं। जैसे एग्जांपल के लिए किसी का डेट ऑफ़ बर्थ है 1985। तो वन और 9 सेंचुरी नंबर है। फिल नहीं करेंगे।

1955 वन और न फिल नहीं करेंगे 6 तो ये वाला 2 फिल नहीं होगा 20 15 ये टू और 0 तो वैसे भी नहीं भरते स्टार्टिंग वाला 2 फिल नहीं होगा मतलब जभी भी 2000 या उसके बाद वाली डेट है तो ये वाला टू और ज़ीरो 20 ग्रिड में नहीं आएगा और जितने भी 90ज वाले हैं तो उसमें यह वन और न ग्रिड में हम नहीं भरेंगे। यह क्लियर है?

जैसे मान लो 1865 तो यह वन और एट क्या है? सेंचुरी नंबर। इसको वैदिक ग्रिड में नहीं भरा जाता। फिर आपका एक सवाल आता है कि क्या डेस्टिनी नंबर भी बदलेगा? तो आंसर इज़ नो। डेस्टिनी नंबर आपका सेम रहेगा। यह देखो यहां पे डेस्टिनी नंबर हम कैसे निकालेंगे? 9 + 3 + 1 + 9 + 8 + 7 ठीक है? डेस्टिनी नंबर को हमने हमेशा सेम लेना है जैसा कि हम लोशू में निकाल रहे थे। लेकिन जब ग्रिड में नंबर को लिखेंगे तो हम सेंचुरी नंबर को उस समय नहीं लिखेंगे। ठीक है?

जब हम ग्रिड में लिखेंगे नंबर को उस समय सेंचुरी नंबर को नहीं लिखेंगे। पर आपका भाग्य्यांक लोशु और वैदिक के लिए सेम ही रहेगा। इसको लिख के रखो ताकि आपको बाद में भी कंफ्यूजन नहीं होना चाहिए। आपका जो भाग्य्यांक है वह लोशु और वैदिक के लिए सेम ही रहेगा। मैंने आपको सैंपल इसीलिए यहां पर दिया है कि आप कंफ्यूज ना हो। ठीक है? और नेम नंबर वैदिक ग्रिड में नहीं लिखा जाएगा। वैदिक ग्रिड में नेम नंबर नहीं लिखा जाएगा।

जैसे लोशु में आपके पास आठ प्लेन आते हैं। वैदिक में भी वह आठ प्लेन आते हैं।

इसके अलावा वैदिक में स्पेशल योग होते हैं अलग-अलग। जैसे कि राजयोग, जैसे कि फॉरेन ट्रैवल योग, जैसे कि गवर्नमेंट जॉब योग, वीजा ऐसे करके बहुत सारे स्पेशल योग आते हैं जो वैदिक में देखे जाते हैं। और आठ डायगोनल योग तो आते ही हैं। वो किस तरीके से आते हैं यहां पे? देखो जैसे यह वाला एक आपका बन गया। 319 का योग। फिर आपका 6 75 का एक योग बना। यह हॉरिजॉन्टल है। फिर 284 का बन गया। इसी तरीके से वर्टिकल में देखो 362 फिर 178 फिर 954 नेक्स्ट इसके बाद हमारे बनते हैं दो डायगोनल जिसमें पहला 374 है और दूसरा हमारा 9 72 है। तीन हॉरिजॉन्टल तीन वर्टिकल दो डायगोनल। ठीक है जी। ये तो फिक्स हो गए।

अब जरूरी तो नहीं है कि सबकी पूरी-पूरी लाइंस बने। हो सकता है किसी का दो नंबर आ रहे हो किसी लाइन में एक नंबर आ रहा हो। तो वैदिक में ना बहुत सारे योग बनते हैं। वो डिटेल जब आप लोग मास्टर्स में आएंगे तो उस समय पर आपको पता चलेगा और यह बहुत स्पेशल योगा है।

वैदिक न्यूमरोलॉजी बहुत इंपॉर्टेंट चीज है। अगर आप न्यूमरोलॉजी से प्रेडिक्शन करना चाहते हैं तो। बहुत इंपॉर्टेंट टॉपिक है। और इसके रिजल्ट्स भी बहुत अच्छे हैं। अगर मान लो किसी पर्सन की लाइफ में मान के चलिए कि आप वैदिक ग्रिड आपने बनाया, क्लाइंट आपके पास आया तो बहुत बढ़िया तरीके से आप देख सकते हो कि

भाई इस टाइम पर आपका जो है समाज में मान सामान बढ़ेगा।

इस समय पे आपको कोई प्रॉब्लम आ सकती है।

इस समय आपको लिटिगेशन आ सकता है।

भाई बच के रहना प्रिकॉशन ले लेना। जेल योग आ सकता है। तो अच्छे और बुरे सारी चीजें आप जज कर सकते हो एक पर्सन की सिर्फ और सिर्फ ग्रिड के साथ इन नाइन बॉक्सेस के साथ और इसकी स्पेशलिटी क्या है कि आपको बर्थ टाइम नहीं चाहिए।

ज्यादातर लोग ऐसे आते हैं जिनके पास बर्थ टाइम नहीं होता। तो हमें इसमें बर्थ टाइम की रिक्वायरमेंट नहीं है। यह सबसे पहली बात है। दोनों ही ग्रिड के लिए लोशू हो या वैदिक एंड सेकंडली कि भाई अगर हमें पता ही नहीं है अपनी रियल डेट ऑफ बर्थ तब भी हम उनको हेल्प कर सकते हैं। तब भी हमारे पास उसके लिए भी स्यूशन अवेलेबल रहता है। राइट?

चलिए तो अब हमने यह देखा वैदिक की ग्रिड को समझा। अब देखेंगे फिल कैसे करना है। बहुत बहुत ही सिंपल है। अगेन यहां पर इसको फिल करना। सिर्फ आपको यह याद रखना है कि 1900 वाले जितने डेट ऑफ बर्थ हैं उसमें 19 फिल नहीं करना। जो 2000 वाले हैं उसमें शुरुआत का 20 फिल नहीं करना। अभी ग्रिड हम फिल करने वाले हैं।

और अब हम देखेंगे कि हमने ग्रिड को कैसे फिल करना है। प्रोसेस बिल्कुल इजी है ग्रिड फिल करने का। सिर्फ 2 मिनट फोकस कर लेना स्क्रीन पे। आपको समझ आ जाएगा। ये देखेंगे। जैसे यहां पर हमारे पास बर्थ डेट जो है नाइन तो एक सैंपल ग्रिड दिखा रही हूं साइड में आपको पता चलता रहेगा कि प्लेसमेंट किस तरीके से हमारी बनी हुई है नंबर्स की। आप जब बनाएंगे अभी क्योंकि आप नया ही सीखे हैं तो दोनों ग्रिड के सैंपल ग्रिड आप बना के रखेंगे ताकि आप ग्रिड फिल करने में कोई गलती ना करें। इस तरीके से। ठीक है? यह हमारी आ गई बेसिक ग्रिड का प्लेसमेंट।

अब देखो यहां पर नाइन नंबर को हम कहां फिल करेंगे? नाइन के प्लेस पे। इसके बाद थ्री नंबर को प्लेस कर देंगे थ्री के प्लेस में। वन और नाइन पे हमने क्रॉस लगा दिया है। हम इसको नहीं लिखेंगे क्योंकि ये सेंचुरी नंबर है। इसके बाद आता है नंबर आठ। देखो ग्रिड में आठ नंबर यहां पे लिखा है मैंने। सेम प्लेस कर दिया। फिर आता है नंबर सेवन। तो हम सेवन की जगह पे लिखेंगे। अब जैसे हम लोशू ग्रिड में सिंगल नंबर को एक ही बार लिख रहे थे। है ना?

तो यहां भी देखो मैंने वन टाइम ही लिखा है। ये भी सेम है। डेस्टिनी नंबर हम फिल करते हैं हमेशा। तो वो मैं यहां पे लिख दूंगी। ठीक है?

सेम प्रोसेस से भरना है। दो चीजों में बदलाव है। पहला कि सेंचुरी नंबर नहीं डाल रहे। दूसरा हम नेम नंबर नहीं डाल रहे। बाकी सब कुछ सेम है। तो अब देखो यहां पे हमें क्या मिल रहा है? यह देखो मिसिंग यह वाले नंबर हो गए। क्रॉस हमने लगा दिया और हमारे को क्या मिला? 319 ये कंप्लीट लाइन मिल गई है। 178 ये कंप्लीट लाइन मिल गई है।

इसके अलावा हमें क्या मिल रहा है? देखो योग कौन से मिल रहे हैं? मैंने बताया दो-दो नंबर के भी योग यहां पे होते हैं। तो नाइन और से का योग भी बन रहा है। थ्री और से का भी बन रहा है यहां पे। ठीक है?

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